ब्रेकिंग न्यूज
ब्यूरो रिर्पोट ज्ञान प्रकाश पाठक पीलीभीत
स्लग:- पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी
एंकर:- खबर जनपद पीलीभीत शहर जहां अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे सांसद भवन गांधी ने जनसभाएं की इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं हमेशा गरीबों, किसानों, मजदूरों के लिए आवाज उठाई, मैं बहुत आभारी हूं कि इतनी कड़ी ठंड में भी आप लोग मुझे सुनाने आए हैं। मेरा हौसला बढ़ाया है मेरा सम्मान रखा इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
सांसद ने कहा मै अपनी राजनीती में गरीबों, किसानों, मजदूरों व सभी के लिए आवाज उठाई है। आजादी के इतने साल बाद जब एक आम इंसान किसी अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस अधिकारी के पास जाता है तो उसे अपनी बात रखने के लिए झुकता पड़ता है। हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई इसीलिए नहीं लड़ी थी किसी को झुककर बात करनी पड़े, लेकिन आज हिंदुस्तान का सपना पूरा नहीं होता दिख रहा है। सांसद ने कहा दिशा कि बैठक में मैंने अधिकारियों से बोला कि व्यक्ति लोन लेने जाता है तो उसको काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। उसको सुविधा देना पड़ता है। व्यक्ति को थाने, कचहरी, अधिकारियों के पास न्याय के लिए जाता है तो चककर लगाना पड़ता है। आखिर ऐसा किस लिए किया जाता हैं। सांसद ने कहा पीलीभीत हमारा है पीलीभीत के लोग हमारे हैं। ऐसे हम अपनों से अपील की कि आप लोग मेरा मोबाइल नंबर रख ले, कभी कहीं किसी प्रकार की कोई भी समस्या हो तत्काल फोन करें, जिनके पास नंबर है वह अच्छी बात, जिनके पास नहीं है वह नोट कर ले। सांसद ने कहा अब आपको किसी के भी सामने झुकने की जरूरत नहीं है। अगर कहीं कुछ ऐसा हो रहा है तो सीधे उन्हें फोन करें। अगर किसी अफसर ने किसी को परेशान किया तो उसकी खैर नहीं। पीलीभीत का कोई व्यक्ति कहीं भी पूरे देश में जाता है तो लोग पूछते हैं क्या वही पीलीभीत जहां की मेनका गांधी हैं।
………आप लोग जानते हो जब कोबिड, कोरोना हुआ मैंने अपने पैसे से ऑक्सीजन के सिलेंडर और मांगे खाने के 18 लाख पैकेट बांटे ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद के अस्पताल में दिए दवाइयां मैंने ही प्रोवाइड कराई जब लखनऊ के पास दवाइयां और ऑक्सीजन नहीं था तो पीलीभीत में लोगों के पास उपलब्ध थी लेकिन शाहजहांपुर और बरेली में तीन 3000 लोग मर गए लेकिन पीलीभीत में ऑक्सीजन की कमी से 50 मौतें भी नहीं हुई परिवार सदस्य की होने नाइट मुझे जितनी मदद करनी चाहिए थी मैं उतनी मदद की मैं वरुण गांधी पूरी जिम्मेदारी के साथ राजनीति करता हूं यह पूरा पीलीभीत मेरा परिवार है पीलीभीत का हर सुख मेरा है हर दुख मेरा है जब आप लोग कहीं बाहर जाते हैं तो आपसे लोग पूछते हैं तो शायद आप लोगों को यह कहना पड़ता होगा या वह लोग कहते होंगे कि वही पीलीभीत जहां वरुण गांधी और मेनका गांधी सांसद रहे किसी व्यक्ति ने वरुण गांधी से पूछा की भैया आपके पोस्ट नहीं दिखते मैंने कहा हर व्यक्ति का फोटो मेरे हृदय में है मुझे फोटो लगाने की जरूरत नहीं वरुण गांधी ने कहा किसी व्यक्ति ने उनसे पूछा की भैया पीलीभीत में आपका घर नहीं है आप किसी किराए के मकान में बैठे हो मैंने कहा यह पूरा पीलीभीत ही मेरा घर है मुझे घर लेने की क्या जरूरत है
