तीन गांवों में सरकारी विद्यालय न होने से दूसरे गांवों में जाकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है बच्चे

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तीन गांवों में सरकारी विद्यालय न होने से दूसरे गांवों में जाकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है बच्चे

Rpt- दिनेश कुमार, पीलीभीत

पूरनपुर,पीलीभीत।
शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद भी पूरनपुर ब्लॉक क्षेत्र के तीन गांवों में प्राथमिक स्कूल एवं एक ग्राम पंचायत में उच्च प्राथमिक विद्यालय अभी तक नहीं बने है, इससे गांवों के गरीब बच्चों को मजबूरन शिक्षा के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत सबलपुर मु0 रम्पुराफकीरे, ग्राम पंचायत रुरिया सलेमपुर के मजरा जरा बुजुर्ग और ग्राम पंचायत अमरैयाकलां के मजरा गौटिया में आजादी के छह दशक बीतने के बाद भी बच्चों को शिक्षा के लिए अभी तक प्राथमिक विद्यालय ही नहीं बन सके है। इसके अलावा ग्राम पंचायत तकियादीनारपुर में एक स्वयं तकियादीनारपुर में प्राथमिक विद्यालय और इसी पंचायत के मजरा सुखदासपुर में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय होने पर ग्राम पंचायत में दो स्कूल होने के बावजूद कक्षा 5 पास उत्तीर्ण बच्चों को पढ़ने के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए ग्राम पंचायत में कोई उच्च प्राथमिक विद्यालय ही नहीं है। इससे मजबूरन छात्राओं को पास-पड़ोस के गांवों में शिक्षा ग्रहण के लिए जाना पड़ रहा है। हालांकि 1 अप्रैल-2010 से शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू हो गया है, इससे सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके, लेकिन कुछ गांवों में जब विद्यालय ही नहीं बने है तो बच्चों को उच्च शिक्षा कैसे मिलेगी? गांव के कई जागरूक लोगों ने प्राथमिक स्कूल खोलने के लिए कई बार शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजें। लेकिन अभी तक अधिकारियों ने इस ओर कोई रुचि नहीं ली है इस सम्बंध में ग्राम पंचायत तकियादीनारपुर के प्रधान हुकुम सिंह यादव ने बताया कि हमारी पंचायत में दो प्राथमिक विद्यालय होने के बाद अभी तक कोई उच्च प्राथमिक विद्यालय नहीं बना है इस कारण कक्षा पांच पास उत्तीर्ण होने के बाद गरीब बच्चों को दूसरे गांवों में शिक्षा ग्रहण के लिए भटकना पड़ रहा है। आज के समय में ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत में एक उच्च प्राथमिक विद्यालय खुलवाने हेतु प्रस्ताव कई बार उच्चाधिकारियों को भेजे जा चुके है, मंजूरी मिलने पर प्राथमिकता से उच्च प्राथमिक विद्यालय बनबाने का प्रयास किया जाएगा।

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