शरद ऋतु में विरेचन: एक स्वस्थ और संतुलित शरीर के लिए

Listen to this article

*शरद ऋतु में विरेचन: एक स्वस्थ और संतुलित शरीर के लिए*

शरद ऋतु में विरेचन एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचार है जो शरीर को शुद्ध करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इस ऋतु में पित्त दोष की वृद्धि होती है, और विरेचन इस दोष को संतुलित करने में सहायक होता है।

*विरेचन के लाभ*

– *शरीर की शुद्धि*: विरेचन शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
– *पाचन तंत्र की सफाई*: यह पाचन तंत्र को साफ करता है और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है।
– *त्वचा की चमक*: विरेचन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।

*शरद ऋतु में विरेचन के लिए विशेष तैयारी*

– *आहार*: विरेचन से पहले हल्का और आसानी से पचने वाला आहार लेना चाहिए।
– *जीवनशैली*: विरेचन के दौरान तनाव और थकान से बचना चाहिए।

*विरेचन के बाद की देखभाल*

– *पोषक आहार*: विरेचन के बाद पोषक आहार लेना चाहिए जो शरीर को शक्ति प्रदान करे।
– *आराम*: विरेचन के बाद आराम करना चाहिए और शरीर को पुनः ऊर्जा प्राप्त करने का समय देना चाहिए।

*निष्कर्ष*

शरद ऋतु में विरेचन एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचार है जो शरीर को शुद्ध करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। आइए हम विरेचन के लाभों को समझें और इसका सही तरीके से उपयोग करें।

डॉ प्रियंका शर्मा
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर
पंचकर्म विभाग
डॉ सर्वेश कुमार शुक्ला आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल , बहराइच, उत्तरप्रदेश

हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
अभी यहाँ क्लिक करके डाउनलोड करें  
स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now