बिजली कर्मचारियों की हड़ताल जारी, ऊर्जा मंत्री बोले, काम बंद हुआ तो जाएगी नौकरी
रिपोर्ट – राकेश कुमार गुप्ता
बिजली मंत्री एके शर्मा ने कहा कि हड़ताल की घोषणा करने वाले संगठनों से सरकार लगातार बात कर रही है. गुरुवार को भी दो घंटे तक बातचीत हुई मगर ‘हठधर्मी’ लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं.
बिजली कम्पनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युतकर्मियों की तीन दिन की हड़ताल गुरुवार रात 10 बजे शुरू हो गयी. सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है. उधर, बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े ने इस हड़ताल के मद्देनजर अपने अभियंताओं को दो घंटे अतिरिक्त काम करने को कहा है।
*स्थानांतरण के आधार पर तैनाती*
उन्होंने बताया कि सरकार ने समझौते में कहा था कि बिजली कम्पनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिये ही किया जाएगा। लेकिन इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है. यह टकराव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
*बमियारी मंदिर में 4दिनों से बिजली गुल*
मंदिर मैनेजर प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि मंदिर में पिछले 4 दिनों से बिजली गुल है इससे पहले जब कभी बिजली व्यवस्था ध्वस्त होती थी तो क्षेत्रीय कर्मचारी को बुलाकर खर्चा देकर सुधरवाते है। लेकिन पिछले 4दिनों से किसी भी कर्मचारी को फोन करते हैं तो कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर से बात कर मामले को अवगत कराया वही फखरपुर पावर हाउस पर तैनात अभियंता तुषार वर्मा से बात करने को कहा वही पावर हाउस पर तैनात जेई तुषार वर्मा से जानकारी ली तो उन्होंने बताया जब तक कोई लाइनमैन नहीं मिलेगा तबतक हम कुछ नहीं कर सकते। जब तुषार वर्मा जेई को ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार द्वारा जारी किए गए आदेशों के बारे में बताया तो जेई के द्वारा बताया गया कि जिसका काम है वही कर सकता है देखता हूं किसी कर्मचारी से बात करते हैं बताता हूं। लेकिन जब दुबारा से जेई तुषार वर्मा से जानकारी के लिए दूरभाष द्वारा जानकारी लेने की कोशिश की तो फोन नही उठा। पिछले 4दिनों से बिजली का गुल होना उसके बाद आपातकालीन स्थिति में व्यवस्था में सुधार हेतु लगाए गए कर्मचारियों का फोन ना उठाया जाना आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं। देखना होगा कि बताकर स्ट्राइक पर गए कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही होगी या आपातकालीन स्थिति में तैनात किए गए कर्मचारियों की हीलाहवाली से बिजली व्यवस्था में सुधार ना हो पाने से क्या कार्यवाही होगी या फिर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार द्वारा जारी किए गए आदेशों को केवल कागजों में ही रखा जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि बमियारी स्थित श्री राम जानकी शिवाला नागेश्वर नाथ ट्रस्ट मंदिर जिसकी अध्यक्षता जिला अधिकारी बहराइच की है। जब वहा की व्यवस्था इस तरह है तो बाकी की बात नही।
*प्रदेश भर में अलर्ट घोषित*
इस बीच, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस में हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत बिजलीकर्मी अगर हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. हड़ताल के मद्देनजर प्रदेश भर में अलर्ट घोषित किया गया है. मंत्री ने दावा किया कि कई बिजली संगठनों ने इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है और बहुत से कर्मचारी काम करना चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने बिजली कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि हड़ताल के दौरान कोई ‘नुकसान’ पहुंचाया गया तो रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजलीकर्मियों के साथ पिछली तीन दिसंबर को हुए समझौते के कई बिंदुओं पर कदम उठाये हैं. बाकी बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस बीच, बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े ‘उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन’ ने ‘विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति’ द्वारा घोषित हड़ताल के मद्देनजर सभी जिलों में अपने सदस्यों से कहा है कि वे दो घंटे अनिवार्य रूप से अतिरिक्त काम करें ताकि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था ठीक रहे।
इन मुद्दों को लेकर हड़ताल
इनमें ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना और पारेषण के विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द करना प्रमुख रूप से शामिल हैं।
