खनन माफियाओं की दबंगई चरमसीमा पार मिट्टी खनन में सक्रिय, पत्रकारों को दी जा रही जान से मारने की धमकी
रिपोर्ट: सलीक अहमद, जिला क्राइम रिपोर्टर, टीवी इंडिया न्यूज़ चैनल, बहराइच
बहराइच/कैसरगंज – उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जहां अवैध गतिविधियों के विरुद्ध सख्त अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर बहराइच जनपद के कैसरगंज तहसील अंतर्गत कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहाँ खनन माफियाओं का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के शासनकाल में अब अवैध मिट्टी खनन में सक्रिय हो गए हैं। ये लोग अपने निजी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से रातों-रात खनन माफियाओं के साथ मिलकर मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं।
खनन अधिकारी के निरीक्षण से पहले ही मिली सूचना, माफिया हुए सतर्क
12 जून को जिला खनन अधिकारी द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण किया गया, परंतु माफियाओं को पूर्व सूचना मिल जाने के कारण उस दिन खनन का कार्य पूरी तरह बंद रहा। आश्चर्य की बात यह है कि निरीक्षण के अगले ही दिन, यानी 13 जून से खनन का काम पूर्ववत फिर शुरू हो गया।
पत्रकारों को मिल रही धमकियां, बदनाम करने की साजिश
जब कुछ निर्भीक पत्रकारों द्वारा इस अवैध कार्य को उजागर कर, साक्ष्यों सहित समाचार प्रकाशित किए गए, तो उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। माफियाओं द्वारा न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी जा रही है, बल्कि पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाने और उनके चरित्र हनन की कोशिशें भी की जा रही हैं।
माफिया गुर्गों का कहना है –
“अगर हमारी खबरें वायरल की गईं, तो हम कह देंगे कि पत्रकार ने रिश्वत मांगी थी, हमने नहीं दी, इसलिए हमारी गाड़ी पकड़वा दी।”
निम्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं खनन गिरोह:
कुरसंडा
सोनारी चौराहा
जमापुर चौराहा
बर्थना
गंडारा
जलालपुर
नंदोलिया
इन क्षेत्रों में यदि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी लगातार 2-3 दिन तक निरीक्षण करें, तो अवैध खनन पर निश्चित रूप से रोक लगाई जा सकती है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपेक्षा
इस प्रकार की अवैध गतिविधियाँ योगी सरकार की ‘भ्रष्टाचार मुक्त और अपराध मुक्त प्रदेश’ की नीति को चुनौती देती हैं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से निवेदन है कि वे बहराइच जिले के इन संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष जांच दल गठित कराकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करवाएं, जिससे खनन माफियाओं और उनके संरक्षकों पर नकेल कसी जा सके तथा स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा हो सके।
जनपद बहराइच से ब्यूरो की रिपोर्ट
